قُلۡ هَلۡ مِن شُرَكَآئِكُم مَّن يَبۡدَؤُاْ ٱلۡخَلۡقَ ثُمَّ يُعِيدُهُۥۚ قُلِ ٱللَّهُ يَبۡدَؤُاْ ٱلۡخَلۡقَ ثُمَّ يُعِيدُهُۥۖ فَأَنَّىٰ تُؤۡفَكُونَ
आप उनसे कहियेः क्या तुम्हारे साझियों में कोई है, जो उत्पत्ति का आरंभ करता फिर उसे दुहराता है। फिर तुम कहाँ बहके जा रहे हो
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari