ثُمَّ قِيلَ لِلَّذِينَ ظَلَمُواْ ذُوقُواْ عَذَابَ ٱلۡخُلۡدِ هَلۡ تُجۡزَوۡنَ إِلَّا بِمَا كُنتُمۡ تَكۡسِبُونَ
फिर अत्याचारी लोगों से कहा जाएगा, "स्थायी यातना का मज़ा चख़ो! जो कुछ तुम कमाते रहे हो, उसके सिवा तुम्हें और क्या बदला दिया जा सकता है
Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed