Surah Yunus Verse 54 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Yunusوَلَوۡ أَنَّ لِكُلِّ نَفۡسٖ ظَلَمَتۡ مَا فِي ٱلۡأَرۡضِ لَٱفۡتَدَتۡ بِهِۦۗ وَأَسَرُّواْ ٱلنَّدَامَةَ لَمَّا رَأَوُاْ ٱلۡعَذَابَۖ وَقُضِيَ بَيۡنَهُم بِٱلۡقِسۡطِ وَهُمۡ لَا يُظۡلَمُونَ
और यदि प्रत्येक व्यक्ति के पास, जिसने अत्याचार किया है, जो कुछ धरती में है, सब आ जाये, तो वे अवश्य उसे अर्थदण्ड के रूप में देने को तैयार हो जायेगा और जब वे उस यातना को देखेंगे, तो दिल ही दिल में पछतायेंगे और उनके बीच, न्याय के साथ निर्णय कर दिया जायेगा और उनपर अत्याचार नहीं किया जायेगा।