إِنَّ فِي ٱخۡتِلَٰفِ ٱلَّيۡلِ وَٱلنَّهَارِ وَمَا خَلَقَ ٱللَّهُ فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ لَأٓيَٰتٖ لِّقَوۡمٖ يَتَّقُونَ
इसमें ज़रा भी शक़ नहीं कि रात दिन के उलट फेर में और जो कुछ ख़ुदा ने आसमानों और ज़मीन में बनाया है (उसमें) परहेज़गारों के वास्ते बहुतेरी निशानियाँ हैं
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi