वह लोग जब तक दर्दनाक अज़ाब देख (न) लेगें ईमान न लाएंगें अगरचे इनके सामने सारी (ख़ुदाई के) मौजिज़े आ मौजूद हो
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi