Surah Al-Adiyat - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
وَٱلۡعَٰدِيَٰتِ ضَبۡحٗا
(ग़ाज़ियों के) सरपट दौड़ने वाले घोड़ो की क़सम
Surah Al-Adiyat, Verse 1
فَٱلۡمُورِيَٰتِ قَدۡحٗا
जो नथनों से फ़रराटे लेते हैं
Surah Al-Adiyat, Verse 2
فَٱلۡمُغِيرَٰتِ صُبۡحٗا
फिर पत्थर पर टाप मारकर चिंगारियाँ निकालते हैं फिर सुबह को छापा मारते हैं
Surah Al-Adiyat, Verse 3
فَأَثَرۡنَ بِهِۦ نَقۡعٗا
(तो दौड़ धूप से) बुलन्द कर देते हैं
Surah Al-Adiyat, Verse 4
فَوَسَطۡنَ بِهِۦ جَمۡعًا
फिर उस वक्त (दुश्मन के) दिल में घुस जाते हैं
Surah Al-Adiyat, Verse 5
إِنَّ ٱلۡإِنسَٰنَ لِرَبِّهِۦ لَكَنُودٞ
(ग़रज़ क़सम है) कि बेशक इन्सान अपने परवरदिगार का नाशुक्रा है
Surah Al-Adiyat, Verse 6
وَإِنَّهُۥ عَلَىٰ ذَٰلِكَ لَشَهِيدٞ
और यक़ीनी ख़ुदा भी उससे वाक़िफ़ है
Surah Al-Adiyat, Verse 7
وَإِنَّهُۥ لِحُبِّ ٱلۡخَيۡرِ لَشَدِيدٌ
और बेशक वह माल का सख्त हरीस है
Surah Al-Adiyat, Verse 8
۞أَفَلَا يَعۡلَمُ إِذَا بُعۡثِرَ مَا فِي ٱلۡقُبُورِ
तो क्या वह ये नहीं जानता कि जब मुर्दे क़ब्रों से निकाले जाएँगे
Surah Al-Adiyat, Verse 9
وَحُصِّلَ مَا فِي ٱلصُّدُورِ
और दिलों के भेद ज़ाहिर कर दिए जाएँगे
Surah Al-Adiyat, Verse 10
إِنَّ رَبَّهُم بِهِمۡ يَوۡمَئِذٖ لَّخَبِيرُۢ
बेशक उस दिन उनका परवरदिगार उनसे ख़ूब वाक़िफ़ होगा
Surah Al-Adiyat, Verse 11