Surah Al-Humaza - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
وَيۡلٞ لِّكُلِّ هُمَزَةٖ لُّمَزَةٍ
तबाही है हर कचो के लगानेवाले, ऐब निकालनेवाले के लिए
Surah Al-Humaza, Verse 1
ٱلَّذِي جَمَعَ مَالٗا وَعَدَّدَهُۥ
जो माल इकट्ठा करता और उसे गिनता रहा
Surah Al-Humaza, Verse 2
يَحۡسَبُ أَنَّ مَالَهُۥٓ أَخۡلَدَهُۥ
समझता है कि उसके माल ने उसे अमर कर दिया
Surah Al-Humaza, Verse 3
كَلَّاۖ لَيُنۢبَذَنَّ فِي ٱلۡحُطَمَةِ
कदापि नहीं, वह चूर-चूर कर देनेवाली में फेंक दिया जाएगा
Surah Al-Humaza, Verse 4
وَمَآ أَدۡرَىٰكَ مَا ٱلۡحُطَمَةُ
और तुम्हें क्या मालूम कि वह चूर-चूर कर देनेवाली क्या है
Surah Al-Humaza, Verse 5
نَارُ ٱللَّهِ ٱلۡمُوقَدَةُ
वह अल्लाह की दहकाई हुई आग है
Surah Al-Humaza, Verse 6
ٱلَّتِي تَطَّلِعُ عَلَى ٱلۡأَفۡـِٔدَةِ
जो झाँक लेती है दिलों को
Surah Al-Humaza, Verse 7
إِنَّهَا عَلَيۡهِم مُّؤۡصَدَةٞ
वह उनपर ढाँककर बन्द कर दी गई होगी
Surah Al-Humaza, Verse 8
فِي عَمَدٖ مُّمَدَّدَةِۭ
लम्बे-लम्बे स्तम्भों में
Surah Al-Humaza, Verse 9