Surah Al-Maun - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
أَرَءَيۡتَ ٱلَّذِي يُكَذِّبُ بِٱلدِّينِ
क्या तुमने उसे देखा जो दीन को झुठलाता है
Surah Al-Maun, Verse 1
فَذَٰلِكَ ٱلَّذِي يَدُعُّ ٱلۡيَتِيمَ
वही तो है जो अनाथ को धक्के देता है
Surah Al-Maun, Verse 2
وَلَا يَحُضُّ عَلَىٰ طَعَامِ ٱلۡمِسۡكِينِ
और मुहताज के खिलाने पर नहीं उकसाता
Surah Al-Maun, Verse 3
فَوَيۡلٞ لِّلۡمُصَلِّينَ
अतः तबाही है उन नमाज़ियों के लिए
Surah Al-Maun, Verse 4
ٱلَّذِينَ هُمۡ عَن صَلَاتِهِمۡ سَاهُونَ
जो अपनी नमाज़ से ग़ाफिल (असावधान) हैं
Surah Al-Maun, Verse 5
ٱلَّذِينَ هُمۡ يُرَآءُونَ
जो दिखावे के लिए कार्य करते हैं
Surah Al-Maun, Verse 6
وَيَمۡنَعُونَ ٱلۡمَاعُونَ
और साधारण बरतने की चीज़ भी किसी को नहीं देते
Surah Al-Maun, Verse 7