وَكَذَٰلِكَ أَخۡذُ رَبِّكَ إِذَآ أَخَذَ ٱلۡقُرَىٰ وَهِيَ ظَٰلِمَةٌۚ إِنَّ أَخۡذَهُۥٓ أَلِيمٞ شَدِيدٌ
और इसी प्रकार, तेरे पालनहार की पकड़ होती है, जब वह किसी अत्याचार करने वालों की बस्ती को पकड़ता है। निश्चय उसकी पकड़ दुःखदायी और कड़ी होती[1] है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari