Surah Hud Verse 31 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Hudوَلَآ أَقُولُ لَكُمۡ عِندِي خَزَآئِنُ ٱللَّهِ وَلَآ أَعۡلَمُ ٱلۡغَيۡبَ وَلَآ أَقُولُ إِنِّي مَلَكٞ وَلَآ أَقُولُ لِلَّذِينَ تَزۡدَرِيٓ أَعۡيُنُكُمۡ لَن يُؤۡتِيَهُمُ ٱللَّهُ خَيۡرًاۖ ٱللَّهُ أَعۡلَمُ بِمَا فِيٓ أَنفُسِهِمۡ إِنِّيٓ إِذٗا لَّمِنَ ٱلظَّـٰلِمِينَ
और मैं तुमसे यह नहीं कहता कि मेरे पास अल्लाह के ख़जाने है और न मुझे परोक्ष का ज्ञान है और न मैं यह कहता हूँ कि मैं कोई फ़रिश्ता हूँ और न उन लोगों के विषय में, जो तुम्हारी दृष्टि में तुच्छ है, मैं यह कहता हूँ कि अल्लाह उन्हें कोई भलाई न देगा। जो कुछ उनके जी में है, अल्लाह उसे भली-भाँति जानता है। (यदि मैं ऐसा कहूँ) तब तो मैं अवश्य ही ज़ालिमों में से हूँगा।