Surah Hud Verse 40 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Hudحَتَّىٰٓ إِذَا جَآءَ أَمۡرُنَا وَفَارَ ٱلتَّنُّورُ قُلۡنَا ٱحۡمِلۡ فِيهَا مِن كُلّٖ زَوۡجَيۡنِ ٱثۡنَيۡنِ وَأَهۡلَكَ إِلَّا مَن سَبَقَ عَلَيۡهِ ٱلۡقَوۡلُ وَمَنۡ ءَامَنَۚ وَمَآ ءَامَنَ مَعَهُۥٓ إِلَّا قَلِيلٞ
यहाँ तक कि जब हमारा आदेश आ गया और तन्नूर उबलने लगा, तो हमने (नूह़ से) कहाः उसमें प्रत्येक प्रकार के जीवों के दो जोड़े रख लो और अपने परिजनों को, उनके सिवा, जिनके बारे में पहले बता दिया गाय है और जो ईमान लाये हैं और उसके साथ थोड़े ही ईमान लाये थे।