Surah Hud Verse 57 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Hudفَإِن تَوَلَّوۡاْ فَقَدۡ أَبۡلَغۡتُكُم مَّآ أُرۡسِلۡتُ بِهِۦٓ إِلَيۡكُمۡۚ وَيَسۡتَخۡلِفُ رَبِّي قَوۡمًا غَيۡرَكُمۡ وَلَا تَضُرُّونَهُۥ شَيۡـًٔاۚ إِنَّ رَبِّي عَلَىٰ كُلِّ شَيۡءٍ حَفِيظٞ
इस पर भी अगर तुम उसके हुक्म से मुँह फेरे रहो तो जो हुक्म दे कर मैं तुम्हारे पास भेजा गया था उसे तो मैं यक़ीनन पहुँचा चुका और मेरा परवरदिगार (तुम्हारी नाफरमानी पर तुम्हें हलाक करें) तुम्हारे सिवा दूसरी क़ौम को तुम्हारा जानशीन करेगा और तुम उसका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते इसमें तो शक़ नहीं है कि मेरा परवरदिगार हर चीज़ का निगेहबान है