Surah Hud Verse 64 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Hudوَيَٰقَوۡمِ هَٰذِهِۦ نَاقَةُ ٱللَّهِ لَكُمۡ ءَايَةٗۖ فَذَرُوهَا تَأۡكُلۡ فِيٓ أَرۡضِ ٱللَّهِۖ وَلَا تَمَسُّوهَا بِسُوٓءٖ فَيَأۡخُذَكُمۡ عَذَابٞ قَرِيبٞ
और हे मेरी जाति के लोगो! ये अल्लाह[1] की ऊँटनी तुम्हारे लिए एक निशानी है, इसे छोड़ दो, अल्लाह की धरती में चरती फिरे और इसे कोई दुःख न पहुँचाओ, अन्यथा तुम्हें तुरन्त यातना पकड़ लेगी।