نَحۡنُ نَقُصُّ عَلَيۡكَ أَحۡسَنَ ٱلۡقَصَصِ بِمَآ أَوۡحَيۡنَآ إِلَيۡكَ هَٰذَا ٱلۡقُرۡءَانَ وَإِن كُنتَ مِن قَبۡلِهِۦ لَمِنَ ٱلۡغَٰفِلِينَ
(हे नबी!) हम बहुत अच्छी शैली में आपकी ओर इस क़ुर्आन की वह़्यी द्वारा आपसे इस कथा का वर्णन कर रहे हैं। अन्यथा आप (भी) इससे पूर्व (इससे) असूचित थे।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari