Surah Yusuf Verse 30 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Yusuf۞وَقَالَ نِسۡوَةٞ فِي ٱلۡمَدِينَةِ ٱمۡرَأَتُ ٱلۡعَزِيزِ تُرَٰوِدُ فَتَىٰهَا عَن نَّفۡسِهِۦۖ قَدۡ شَغَفَهَا حُبًّاۖ إِنَّا لَنَرَىٰهَا فِي ضَلَٰلٖ مُّبِينٖ
नगर की कुछ स्त्रियों ने कहाः अज़ीज़ (प्रमुख अधिकारी) की पत्नी, अपने दास को रिझा रही है! उसे प्रेम ने मुग्ध कर दिया है। हमारे विचार में वह खुली गुमराही में है।