Surah Yusuf Verse 47 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Yusufقَالَ تَزۡرَعُونَ سَبۡعَ سِنِينَ دَأَبٗا فَمَا حَصَدتُّمۡ فَذَرُوهُ فِي سُنۢبُلِهِۦٓ إِلَّا قَلِيلٗا مِّمَّا تَأۡكُلُونَ
ताकि उनको भी (तुम्हारी क़दर) मालूम हो जाए यूसुफ ने कहा (इसकी ताबीर ये है) कि तुम लोग लगातार सात बरस काश्तकारी करते रहोगे तो जो (फसल) तुम काटो उस (के दाने) को बालियों में रहने देना (छुड़ाना नहीं) मगर थोड़ा (बहुत) जो तुम खुद खाओ