Surah Yusuf Verse 66 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Yusufقَالَ لَنۡ أُرۡسِلَهُۥ مَعَكُمۡ حَتَّىٰ تُؤۡتُونِ مَوۡثِقٗا مِّنَ ٱللَّهِ لَتَأۡتُنَّنِي بِهِۦٓ إِلَّآ أَن يُحَاطَ بِكُمۡۖ فَلَمَّآ ءَاتَوۡهُ مَوۡثِقَهُمۡ قَالَ ٱللَّهُ عَلَىٰ مَا نَقُولُ وَكِيلٞ
ये जो अबकी दफा लाए थे थोड़ा सा ग़ल्ला है याकूब ने कहा जब तक तुम लोग मेरे सामने खुदा से एहद न कर लोगे कि तुम उसको ज़रुर मुझ तक (सही व सालिम) ले आओगे मगर हाँ जब तुम खुद घिर जाओ तो मजबूरी है वरना मै तुम्हारे साथ हरगिज़ उसको न भेजूंगा फिर जब उन लोगों ने उनके सामने एहद कर लिया तो याक़ूब ने कहा कि हम लोग जो कह रहे हैं ख़ुदा उसका ज़ामिन है