Surah Ar-Rad Verse 36 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Ar-Radوَٱلَّذِينَ ءَاتَيۡنَٰهُمُ ٱلۡكِتَٰبَ يَفۡرَحُونَ بِمَآ أُنزِلَ إِلَيۡكَۖ وَمِنَ ٱلۡأَحۡزَابِ مَن يُنكِرُ بَعۡضَهُۥۚ قُلۡ إِنَّمَآ أُمِرۡتُ أَنۡ أَعۡبُدَ ٱللَّهَ وَلَآ أُشۡرِكَ بِهِۦٓۚ إِلَيۡهِ أَدۡعُواْ وَإِلَيۡهِ مَـَٔابِ
(हे नबी!) जिन्हें हमने पुस्तक दी है, वे उस (क़ुर्आन) से प्रसन्न हो रहे हैं[1], जो आपकी ओर उतारा गया है और सम्प्रदायों में कुछ ऐसे भी हैं, जो नहीं मानते[2]। आप कह दें कि मुझे आदेश दिया गया है कि अल्लाह की ईबादत (वंदना) करूँ और उसका साझी न बनाऊँ। मैं उसी की ओर बुलाता हूँ और उसी की ओर मुझे जाना है[3]।