Surah Ibrahim Verse 11 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Ibrahimقَالَتۡ لَهُمۡ رُسُلُهُمۡ إِن نَّحۡنُ إِلَّا بَشَرٞ مِّثۡلُكُمۡ وَلَٰكِنَّ ٱللَّهَ يَمُنُّ عَلَىٰ مَن يَشَآءُ مِنۡ عِبَادِهِۦۖ وَمَا كَانَ لَنَآ أَن نَّأۡتِيَكُم بِسُلۡطَٰنٍ إِلَّا بِإِذۡنِ ٱللَّهِۚ وَعَلَى ٱللَّهِ فَلۡيَتَوَكَّلِ ٱلۡمُؤۡمِنُونَ
उनके रसूलों ने उनसे कहा, "हम तो वास्तव में बस तुम्हारे ही जैसे मनुष्य है, किन्तु अल्लाह अपने बन्दों में से जिनपर चाहता है एहसान करता है और यह हमारा काम नहीं कि तुम्हारे सामने कोई प्रमाण ले आएँ। यह तो बस अल्लाह के आदेश के पश्चात ही सम्भव है; और अल्लाह ही पर ईमानवालों को भरोसा करना चाहिए