يَتَجَرَّعُهُۥ وَلَا يَكَادُ يُسِيغُهُۥ وَيَأۡتِيهِ ٱلۡمَوۡتُ مِن كُلِّ مَكَانٖ وَمَا هُوَ بِمَيِّتٖۖ وَمِن وَرَآئِهِۦ عَذَابٌ غَلِيظٞ
वह उसे थोड़ा-थोड़ा गले से उतारेगा, मगर उतार नहीं पायेगा और उसके पास प्रत्येक स्थान से मौत आयेगी जबकि वह मरेगा नहीं और उसके आगे भीषण यातना होगी।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari