Surah Ibrahim Verse 36 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Ibrahimرَبِّ إِنَّهُنَّ أَضۡلَلۡنَ كَثِيرٗا مِّنَ ٱلنَّاسِۖ فَمَن تَبِعَنِي فَإِنَّهُۥ مِنِّيۖ وَمَنۡ عَصَانِي فَإِنَّكَ غَفُورٞ رَّحِيمٞ
मेरे रब! इन्होंने (इन मूर्तियों नॆ) बहुत से लोगों को पथभ्रष्ट किया है। अतः जिस किसी ने मॆरा अनुसरण किया वह मेरा है और जिस ने मेरी अवज्ञा की तो निश्चय ही तू बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है