Surah An-Nahl Verse 110 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah An-Nahlثُمَّ إِنَّ رَبَّكَ لِلَّذِينَ هَاجَرُواْ مِنۢ بَعۡدِ مَا فُتِنُواْ ثُمَّ جَٰهَدُواْ وَصَبَرُوٓاْ إِنَّ رَبَّكَ مِنۢ بَعۡدِهَا لَغَفُورٞ رَّحِيمٞ
फिर तुम्हारा रब उन लोगों के लिए जिन्होंने इसके उपरान्त कि वे आज़माइश में पड़ चुके थे घर-बार छोड़ा, फिर जिहाद (संघर्ष) किया और जमे रहे तो इन बातों के पश्चात तो निश्चय ही तुम्हारा रब बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है