Surah An-Nahl Verse 116 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah An-Nahlوَلَا تَقُولُواْ لِمَا تَصِفُ أَلۡسِنَتُكُمُ ٱلۡكَذِبَ هَٰذَا حَلَٰلٞ وَهَٰذَا حَرَامٞ لِّتَفۡتَرُواْ عَلَى ٱللَّهِ ٱلۡكَذِبَۚ إِنَّ ٱلَّذِينَ يَفۡتَرُونَ عَلَى ٱللَّهِ ٱلۡكَذِبَ لَا يُفۡلِحُونَ
और झूट मूट जो कुछ तुम्हारी ज़बान पर आए (बे समझे बूझे) न कह बैठा करों कि ये हलाल है और हराम है ताकि इसकी बदौलत ख़ुदा पर झूठ बोहतान बाँधने लगो इसमें शक़ नहीं कि जो लोग ख़ुदा पर झूठ बोहतान बाधते हैं वह कभी कामयाब न होगें