Surah An-Nahl Verse 14 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah An-Nahlوَهُوَ ٱلَّذِي سَخَّرَ ٱلۡبَحۡرَ لِتَأۡكُلُواْ مِنۡهُ لَحۡمٗا طَرِيّٗا وَتَسۡتَخۡرِجُواْ مِنۡهُ حِلۡيَةٗ تَلۡبَسُونَهَاۖ وَتَرَى ٱلۡفُلۡكَ مَوَاخِرَ فِيهِ وَلِتَبۡتَغُواْ مِن فَضۡلِهِۦ وَلَعَلَّكُمۡ تَشۡكُرُونَ
और वही है, जिसने सागर को वश में कर रखा है, ताकि तुम उससे ताज़ा[1] मांस खाओ और उससे अलंकार[2] निकालो, जिसे पहनते हो तथा तुम नौकाओं को देखते हो कि सागर में (जल को) फाड़ती हुई चलती हैं और इसलिए ताकि तुम उस अल्लाह के अनुग्रह[3] की खोज करो और ताकि कृतज्ञ बनो।