Surah An-Nahl Verse 31 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah An-Nahlجَنَّـٰتُ عَدۡنٖ يَدۡخُلُونَهَا تَجۡرِي مِن تَحۡتِهَا ٱلۡأَنۡهَٰرُۖ لَهُمۡ فِيهَا مَا يَشَآءُونَۚ كَذَٰلِكَ يَجۡزِي ٱللَّهُ ٱلۡمُتَّقِينَ
सदैव रहने के बाग़ जिनमें वे प्रवेश करेंगे, उनके नीचे नहरें बह रहीं होंगी, उनके लिए वहाँ वह सब कुछ संचित होगा, जो वे चाहे। अल्लाह डर रखनेवालों को ऐसा ही प्रतिदान प्रदान करता है