وَلَهُۥ مَا فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ وَلَهُ ٱلدِّينُ وَاصِبًاۚ أَفَغَيۡرَ ٱللَّهِ تَتَّقُونَ
और उसी का है, जो कुछ आकाशों तथा धरती में है और उसी की वंदना स्थायी है, तो क्या तुम अल्लाह के सिवा दूसरे से डरते हो
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari