Surah An-Nahl Verse 59 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah An-Nahlيَتَوَٰرَىٰ مِنَ ٱلۡقَوۡمِ مِن سُوٓءِ مَا بُشِّرَ بِهِۦٓۚ أَيُمۡسِكُهُۥ عَلَىٰ هُونٍ أَمۡ يَدُسُّهُۥ فِي ٱلتُّرَابِۗ أَلَا سَآءَ مَا يَحۡكُمُونَ
और वह ज़हर का सा घूँट पीकर रह जाता है (बेटी की) जिसकी खुशखबरी दी गई है अपनी क़ौम के लोगों से छिपा फिरता है (और सोचता है) कि क्या इसको ज़िल्लत उठाके ज़िन्दा रहने दे या (ज़िन्दा ही) इसको ज़मीन में गाड़ दे-देखो तुम लोग किस क़दर बुरा एहकाम (हुक्म) लगाते हैं