तुम उसकी फरमाबरदारी करो उस पर भी अगर ये लोग (ईमान से) मुँह फेरे तो तुम्हारा फर्ज सिर्फ (एहकाम का) साफ पहुँचा देना है
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi