Surah Al-Isra Verse 1 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Israسُبۡحَٰنَ ٱلَّذِيٓ أَسۡرَىٰ بِعَبۡدِهِۦ لَيۡلٗا مِّنَ ٱلۡمَسۡجِدِ ٱلۡحَرَامِ إِلَى ٱلۡمَسۡجِدِ ٱلۡأَقۡصَا ٱلَّذِي بَٰرَكۡنَا حَوۡلَهُۥ لِنُرِيَهُۥ مِنۡ ءَايَٰتِنَآۚ إِنَّهُۥ هُوَ ٱلسَّمِيعُ ٱلۡبَصِيرُ
वह ख़ुदा (हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है जिसने अपने बन्दों को रातों रात मस्जिदुल हराम (ख़ान ऐ काबा) से मस्जिदुल अक़सा (आसमानी मस्जिद) तक की सैर कराई जिसके चौगिर्द हमने हर किस्म की बरकत मुहय्या कर रखी हैं ताकि हम उसको (अपनी कुदरत की) निशानियाँ दिखाए इसमें शक़ नहीं कि (वह सब कुछ) सुनता (और) देखता है