Surah Al-Isra Verse 111 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Israوَقُلِ ٱلۡحَمۡدُ لِلَّهِ ٱلَّذِي لَمۡ يَتَّخِذۡ وَلَدٗا وَلَمۡ يَكُن لَّهُۥ شَرِيكٞ فِي ٱلۡمُلۡكِ وَلَمۡ يَكُن لَّهُۥ وَلِيّٞ مِّنَ ٱلذُّلِّۖ وَكَبِّرۡهُ تَكۡبِيرَۢا
और कहो कि हर तरह की तारीफ उसी ख़ुदा को (सज़ावार) है जो न तो कोई औलाद रखता है और न (सारे जहाँन की) सल्तनत में उसका कोई साझेदार है और न उसे किसी तरह की कमज़ोरी है न कोई उसका सरपरस्त हो और उसकी बड़ाई अच्छी तरह करते रहा करो