أَفَأَصۡفَىٰكُمۡ رَبُّكُم بِٱلۡبَنِينَ وَٱتَّخَذَ مِنَ ٱلۡمَلَـٰٓئِكَةِ إِنَٰثًاۚ إِنَّكُمۡ لَتَقُولُونَ قَوۡلًا عَظِيمٗا
(ऐ मुशरेकीन मक्का) क्या तुम्हारे परवरदिगार ने तुम्हें चुन चुन कर बेटे दिए हैं और खुद बेटियाँ ली हैं (यानि) फरिश्ते इसमें शक़ नहीं कि बड़ी (सख्त) बात कहते हो
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi