Surah Al-Isra Verse 7 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Israإِنۡ أَحۡسَنتُمۡ أَحۡسَنتُمۡ لِأَنفُسِكُمۡۖ وَإِنۡ أَسَأۡتُمۡ فَلَهَاۚ فَإِذَا جَآءَ وَعۡدُ ٱلۡأٓخِرَةِ لِيَسُـُٔواْ وُجُوهَكُمۡ وَلِيَدۡخُلُواْ ٱلۡمَسۡجِدَ كَمَا دَخَلُوهُ أَوَّلَ مَرَّةٖ وَلِيُتَبِّرُواْ مَا عَلَوۡاْ تَتۡبِيرًا
यदि तुम भला करोगे, तो अपने लिए और यदि बुरा करोगे, तो अपने लिए। फिर जब दूसरे उपद्रव का समय आया ताकि (शत्रु) तुम्हारे चेहरे बिगाड़ दें और मस्जिद (अक़्सा) में वैसे ही प्रवेश कर जायेँ, जैसे प्रथम बार प्रवेश कर गये और ताकि जो भी उनके हाथ आये, उसे पूर्णता नाश[1] कर दे।