سُنَّةَ مَن قَدۡ أَرۡسَلۡنَا قَبۡلَكَ مِن رُّسُلِنَاۖ وَلَا تَجِدُ لِسُنَّتِنَا تَحۡوِيلًا
ये[1] उसके लिए नियम रहा है, जिसे हमने आपसे पहले अपने रसूलों में से भेजा है और आप हमारे नियम में कोई परिवर्तन नहीं पायेंगे।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari