وَمِنَ ٱلَّيۡلِ فَتَهَجَّدۡ بِهِۦ نَافِلَةٗ لَّكَ عَسَىٰٓ أَن يَبۡعَثَكَ رَبُّكَ مَقَامٗا مَّحۡمُودٗا
तथा आप रात के कुछ समय जागिए, फिर "तह़जुद[1]" पढ़िये। ये आपके लिए अधिक (नफ़्ल) है। संभव है आपका पालनहार आपको "मक़ामे मह़मूद[2]" प्रदान कर दे।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari