وَلَئِن شِئۡنَا لَنَذۡهَبَنَّ بِٱلَّذِيٓ أَوۡحَيۡنَآ إِلَيۡكَ ثُمَّ لَا تَجِدُ لَكَ بِهِۦ عَلَيۡنَا وَكِيلًا
और यदि हम चाहें, तो वह सब कुछ ले जायें, जो आपकी ओर हमने वह़्यी किया है, फिर आप हमपर अपना कोई सहायक नहीं पायेंगे।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari