Surah Al-Isra Verse 97 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Israوَمَن يَهۡدِ ٱللَّهُ فَهُوَ ٱلۡمُهۡتَدِۖ وَمَن يُضۡلِلۡ فَلَن تَجِدَ لَهُمۡ أَوۡلِيَآءَ مِن دُونِهِۦۖ وَنَحۡشُرُهُمۡ يَوۡمَ ٱلۡقِيَٰمَةِ عَلَىٰ وُجُوهِهِمۡ عُمۡيٗا وَبُكۡمٗا وَصُمّٗاۖ مَّأۡوَىٰهُمۡ جَهَنَّمُۖ كُلَّمَا خَبَتۡ زِدۡنَٰهُمۡ سَعِيرٗا
जिसे अल्लाह सुपथ दिखा दे, वही सुपथगामी है और जिसे कुपथ कर दे, तो आप कदापि नहीं पायेंगे, उनके लिए उसके सिवा कोई सहायक और हम उन्हें एकत्र करेंगे प्रलय के दिन उनके मुखों के बल, अंधे, गूँगे और बहरे बनाकर और उनका स्थान नरक है, जबभी वह बुझने लगेगी, तो हम उसे और भड़का देंगे।