إِذۡ أَوَى ٱلۡفِتۡيَةُ إِلَى ٱلۡكَهۡفِ فَقَالُواْ رَبَّنَآ ءَاتِنَا مِن لَّدُنكَ رَحۡمَةٗ وَهَيِّئۡ لَنَا مِنۡ أَمۡرِنَا رَشَدٗا
जब नवयुवकों ने गुफा की ओर शरण ली[1] और प्रार्थना कीः हे हमारे पालनहार! हमें अपनी विशेष दया प्रदान कर और हमारे लिए प्रबंध कर दे हमारे विषय के सुधार का।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari