نَّحۡنُ نَقُصُّ عَلَيۡكَ نَبَأَهُم بِٱلۡحَقِّۚ إِنَّهُمۡ فِتۡيَةٌ ءَامَنُواْ بِرَبِّهِمۡ وَزِدۡنَٰهُمۡ هُدٗى
(ऐ रसूल) अब हम उनका हाल तुमसे बिल्कुल ठीक तहक़ीक़ातन (यक़ीन के साथ) बयान करते हैं वह चन्द जवान थे कि अपने (सच्चे) परवरदिगार पर ईमान लाए थे और हम ने उनकी सोच समझ और ज्यादा कर दी है
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi