وَلَا تَقُولُواْ لِمَن يُقۡتَلُ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ أَمۡوَٰتُۢۚ بَلۡ أَحۡيَآءٞ وَلَٰكِن لَّا تَشۡعُرُونَ
और जो लोग ख़ुदा की राह में मारे गए उन्हें कभी मुर्दा न कहना बल्कि वह लोग ज़िन्दा हैं मगर तुम उनकी ज़िन्दगी की हक़ीकत का कुछ भी शऊर नहीं रखते
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi