Surah Al-Baqara Verse 236 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Al-Baqaraلَّا جُنَاحَ عَلَيۡكُمۡ إِن طَلَّقۡتُمُ ٱلنِّسَآءَ مَا لَمۡ تَمَسُّوهُنَّ أَوۡ تَفۡرِضُواْ لَهُنَّ فَرِيضَةٗۚ وَمَتِّعُوهُنَّ عَلَى ٱلۡمُوسِعِ قَدَرُهُۥ وَعَلَى ٱلۡمُقۡتِرِ قَدَرُهُۥ مَتَٰعَۢا بِٱلۡمَعۡرُوفِۖ حَقًّا عَلَى ٱلۡمُحۡسِنِينَ
यदि तुम स्त्रियों को इस स्थिति मे तलाक़ दे दो कि यह नौबत पेश न आई हो कि तुमने उन्हें हाथ लगाया हो और उनका कुछ हक़ (मह्रन) निश्चित किया हो, तो तुमपर कोई भार नहीं। हाँ, सामान्य नियम के अनुसार उन्हें कुछ ख़र्च दो - समाई रखनेवाले पर उसकी अपनी हैसियत के अनुसार और तंगदस्त पर उसकी अपनी हैसियत के अनुसार अनिवार्य है - यह अच्छे लोगों पर एक हक़ है