۞قَوۡلٞ مَّعۡرُوفٞ وَمَغۡفِرَةٌ خَيۡرٞ مِّن صَدَقَةٖ يَتۡبَعُهَآ أَذٗىۗ وَٱللَّهُ غَنِيٌّ حَلِيمٞ
एक भली बात कहनी और क्षमा से काम लेना उस सदक़े से अच्छा है, जिसके पीछे दुख हो। और अल्लाह अत्यन्कृत निस्पृह (बेनियाज़), सहनशील है
Author: Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed