Surah Al-Baqara Verse 275 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Baqaraٱلَّذِينَ يَأۡكُلُونَ ٱلرِّبَوٰاْ لَا يَقُومُونَ إِلَّا كَمَا يَقُومُ ٱلَّذِي يَتَخَبَّطُهُ ٱلشَّيۡطَٰنُ مِنَ ٱلۡمَسِّۚ ذَٰلِكَ بِأَنَّهُمۡ قَالُوٓاْ إِنَّمَا ٱلۡبَيۡعُ مِثۡلُ ٱلرِّبَوٰاْۗ وَأَحَلَّ ٱللَّهُ ٱلۡبَيۡعَ وَحَرَّمَ ٱلرِّبَوٰاْۚ فَمَن جَآءَهُۥ مَوۡعِظَةٞ مِّن رَّبِّهِۦ فَٱنتَهَىٰ فَلَهُۥ مَا سَلَفَ وَأَمۡرُهُۥٓ إِلَى ٱللَّهِۖ وَمَنۡ عَادَ فَأُوْلَـٰٓئِكَ أَصۡحَٰبُ ٱلنَّارِۖ هُمۡ فِيهَا خَٰلِدُونَ
जो लोग सूद खाते हैं वह (क़यामत में) खड़े न हो सकेंगे मगर उस शख्स की तरह खड़े होंगे जिस को शैतान ने लिपट कर मख़बूतुल हवास (पागल) बना दिया है ये इस वजह से कि वह उसके क़ायल हो गए कि जैसा बिक्री का मामला वैसा ही सूद का मामला हालॉकि बिक्री को तो खुदा ने हलाल और सूद को हराम कर दिया बस जिस शख्स के पास उसके परवरदिगार की तरफ़ से नसीहत (मुमानियत) आये और वह बाज़ आ गया तो इस हुक्म के नाज़िल होने से पहले जो सूद ले चुका वह तो उस का हो चुका और उसका अम्र (मामला) ख़ुदा के हवाले है और जो मनाही के बाद फिर सूद ले (या बिक्री के माले को यकसा बताए जाए) तो ऐसे ही लोग जहन्नुम में रहेंगे