Surah Al-Baqara Verse 285 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Baqaraءَامَنَ ٱلرَّسُولُ بِمَآ أُنزِلَ إِلَيۡهِ مِن رَّبِّهِۦ وَٱلۡمُؤۡمِنُونَۚ كُلٌّ ءَامَنَ بِٱللَّهِ وَمَلَـٰٓئِكَتِهِۦ وَكُتُبِهِۦ وَرُسُلِهِۦ لَا نُفَرِّقُ بَيۡنَ أَحَدٖ مِّن رُّسُلِهِۦۚ وَقَالُواْ سَمِعۡنَا وَأَطَعۡنَاۖ غُفۡرَانَكَ رَبَّنَا وَإِلَيۡكَ ٱلۡمَصِيرُ
हमारे पैग़म्बर (मोहम्मद) जो कुछ उनपर उनके परवरदिगार की तरफ से नाज़िल किया गया है उस पर ईमान लाए और उनके (साथ) मोमिनीन भी (सबके) सब ख़ुदा और उसके फ़रिश्तों और उसकी किताबों और उसके रसूलों पर ईमान लाए (और कहते हैं कि) हम ख़ुदा के पैग़म्बरों में से किसी में तफ़रक़ा नहीं करते और कहने लगे ऐ हमारे परवरदिगार हमने (तेरा इरशाद) सुना