Surah Al-Baqara Verse 89 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Baqaraوَلَمَّا جَآءَهُمۡ كِتَٰبٞ مِّنۡ عِندِ ٱللَّهِ مُصَدِّقٞ لِّمَا مَعَهُمۡ وَكَانُواْ مِن قَبۡلُ يَسۡتَفۡتِحُونَ عَلَى ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ فَلَمَّا جَآءَهُم مَّا عَرَفُواْ كَفَرُواْ بِهِۦۚ فَلَعۡنَةُ ٱللَّهِ عَلَى ٱلۡكَٰفِرِينَ
और जब उनके पास खुदा की तरफ़ से किताब (कुरान आई और वह उस किताब तौरेत) की जो उन के पास तसदीक़ भी करती है। और उससे पहले (इसकी उम्मीद पर) काफ़िरों पर फतेहयाब होने की दुआएँ माँगते थे पस जब उनके पास वह चीज़ जिसे पहचानते थे आ गई तो लगे इन्कार करने पस काफ़िरों पर खुदा की लानत है