Surah Taha Verse 131 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Tahaوَلَا تَمُدَّنَّ عَيۡنَيۡكَ إِلَىٰ مَا مَتَّعۡنَا بِهِۦٓ أَزۡوَٰجٗا مِّنۡهُمۡ زَهۡرَةَ ٱلۡحَيَوٰةِ ٱلدُّنۡيَا لِنَفۡتِنَهُمۡ فِيهِۚ وَرِزۡقُ رَبِّكَ خَيۡرٞ وَأَبۡقَىٰ
और (ऐ रसूल) जो उनमें से कुछ लोगों को दुनिया की इस ज़रा सी ज़िन्दगी की रौनक़ से निहाल कर दिया है ताकि हम उनको उसमें आज़माएँ तुम अपनी नज़रें उधर न बढ़ाओ और (इससे) तुम्हारे परवरदिगार की रोज़ी (सवाब) कहीं बेहतर और ज्यादा पाएदार है