ग़रज़ की वह भी तो मेरे ही पीछे चले आ रहे हैं और इसी लिए मैं जल्दी करके तेरे पास इसलिए आगे बढ़ आया हूँ ताकि तू (मुझसे) खुश रहे
Author: Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi