Surah Al-Hajj Verse 40 - Hindi Translation by Maulana Azizul Haque Al Umari
Surah Al-Hajjٱلَّذِينَ أُخۡرِجُواْ مِن دِيَٰرِهِم بِغَيۡرِ حَقٍّ إِلَّآ أَن يَقُولُواْ رَبُّنَا ٱللَّهُۗ وَلَوۡلَا دَفۡعُ ٱللَّهِ ٱلنَّاسَ بَعۡضَهُم بِبَعۡضٖ لَّهُدِّمَتۡ صَوَٰمِعُ وَبِيَعٞ وَصَلَوَٰتٞ وَمَسَٰجِدُ يُذۡكَرُ فِيهَا ٱسۡمُ ٱللَّهِ كَثِيرٗاۗ وَلَيَنصُرَنَّ ٱللَّهُ مَن يَنصُرُهُۥٓۚ إِنَّ ٱللَّهَ لَقَوِيٌّ عَزِيزٌ
जिन्हें उनके घरों से अकारण निकाल दिया गया, केवल इस बात पर कि वे कहते थे कि हमारा पालनहार अल्लाह है और यदि अल्लाह प्रतिरक्षा न कराता कुछ लोगों की, कुछ लोगों द्वारा, तो ध्वस्त कर दिये जाते आश्रम तथा गिरजे और यहूदियों के धर्म स्थल तथा मस्जिदें, जिनमें अल्लाह का नाम अधिक लिया जाता है और अल्लाह अवश्य उसकी सहायता करेगा, जो उस (के सत्य) की सहायता करेगा, वास्तव में, अल्लाह अति शक्तिशाली, प्रभुत्वशाली है।