Surah Al-Hajj Verse 45 - Hindi Translation by Muhammad Farooq Khan And Muhammad Ahmed
Surah Al-Hajjفَكَأَيِّن مِّن قَرۡيَةٍ أَهۡلَكۡنَٰهَا وَهِيَ ظَالِمَةٞ فَهِيَ خَاوِيَةٌ عَلَىٰ عُرُوشِهَا وَبِئۡرٖ مُّعَطَّلَةٖ وَقَصۡرٖ مَّشِيدٍ
कितनी ही बस्तियाँ है जिन्हें हमने विनष्ट कर दिया इस दशा में कि वे ज़ालिम थी, तो वे अपनी छतों के बल गिरी पड़ी है। और कितने ही परित्यक्त (उजाड़) कुएँ पड़े है और कितने ही पक्के महल भी