ذَٰلِكَ بِأَنَّ ٱللَّهَ يُولِجُ ٱلَّيۡلَ فِي ٱلنَّهَارِ وَيُولِجُ ٱلنَّهَارَ فِي ٱلَّيۡلِ وَأَنَّ ٱللَّهَ سَمِيعُۢ بَصِيرٞ
ये इसलिए कि अल्लाह प्रवेश देता है, रात्रि को दिन में और प्रवेश देता है, दिन को रात्रि में और अल्लाह सब कुछ सुनने-देखने वाला[1] है।
Author: Maulana Azizul Haque Al Umari