Surah Al-Hajj Verse 67 - Hindi Translation by Suhel Farooq Khan And Saifur Rahman Nadwi
Surah Al-Hajjلِّكُلِّ أُمَّةٖ جَعَلۡنَا مَنسَكًا هُمۡ نَاسِكُوهُۖ فَلَا يُنَٰزِعُنَّكَ فِي ٱلۡأَمۡرِۚ وَٱدۡعُ إِلَىٰ رَبِّكَۖ إِنَّكَ لَعَلَىٰ هُدٗى مُّسۡتَقِيمٖ
इसमें शक नहीं कि इन्सान बड़ा ही नाशुक्रा है (ऐ रसूल) हमने हर उम्मत के वास्ते एक तरीक़ा मुक़र्रर कर दिया कि वह इस पर चलते हैं फिर तो उन्हें इस दीन (इस्लाम) में तुम से झगड़ा न करना चाहिए और तुम (लोगों को) अपने परवरदिगार की तरफ बुलाए जाओ